जीवन की आपाधापी में
कंहा एक छण भी विश्राम मिला
मन के भावों को व्यक्त करने
कंहा कोई आयाम मिला
जिधर भी गयी नजर
हर तरफ ख्वाहिशें ही ख्वाहिशें
कंहा भला प्यार भरा कोई पैगाम मिला
अब तो बात यही आती है समझ में
स्वार्थ कि इस दुनिया में अपनों ने भी
स्वार्थों को खूबसूरती से प्यार का है नाम दिया